लेखक निर्देशक पवन कृपलानी का मानना है कि हॉरर फिल्मों में कई सारे एक्सपेरिमेंट किये जा सकते हैं. चूंकि भारत में अभी तक मेन्टल हेल्थ को एक बड़े खतरे के तौर पर देखा नहीं जाता (किडनैप और सीरियल किलर) और अब पुरानी हवेलियां भी खत्म हो चुकी हैं (लोकेशन हॉरर) इसलिए भारत में हॉरर को रोमांस, फॅमिली, लव और सबसे अच्छा कॉमेडी के साथ जोड़ कर प्रस्तुत किया जा सकता है. उनकी हालिया रिलीज फिल्म ‘भूत पुलिस’ में कॉमेडी और हॉरर का एक बढ़िया कॉकटेल पेश किया गया है. दर्शकों को मज़ा आएगा. कुछ कुछ जगह पर ट्विटर किस्म के जोक्स भी हैं जिस से शहरी ऑडियंस को भी हंसी आती रहेगी. हॉरर घिनौना नहीं है इसलिए देखने लायक है.
डिज्नी+हॉटस्टार पर बहुचर्चित भूत पुलिस रिलीज हुई. इसकी शूटिंग के किस्से कई महीनों से छप रहे थे. कभी अर्जुन कपूर और मलाइका अरोरा के और कभी सैफ और करीना के साथ शूटिंग लोकेशन धर्मशाला में छुट्टियां मनाने के. एक तांत्रिक पिता के दो बेटे हैं – विभूति पांडे (सैफ) और चिरौंजी पांडे (अर्जुन). बड़े बेटे ने दुनिया देखी है और तांत्रिक बनते बनते वो एक चालू किस्म का तांत्रिक बन गया. छोटा वाला, गोल्ड मेडलिस्ट तांत्रिक है और आज भी भूत-प्रेम में यकीन रखता है. पिता की दी हुई मन्त्रों की किताब की मदद से वो माया (यामी गौतम) की टी-एस्टेट में आयी भूतनी किचकांडी को भगाना चाहता है. यामी की बहन जैकलिन दिन भर वीडियो बनाती रहती है और अपने मैनेजर जीएम् हरी सिंह (स्वर्गीय अमित मिस्त्री) की मदद से किचकांडी का डर फैलाने में लगी रहती है. आगे क्या होता है ये देखने लायक है.
सैफ अली खान को अब तारणहार सितारे का खिताब दे देना चाहिए. सैफ ने इस के पहले ज़ॉम्बी कॉमेडी ” गो गोवा गॉन” में ज़ॉम्बी किलर का रोल किया था. इस फिल्म में लड़कीबाज, शराबी और पैसे कमाने की जुगाड़ में लगे रहने वाले एक बहुत ही चालू किस्म के तांत्रिक की भूमिका उन्होंने बहुत ही धाकड़ अंदाज़ में निभाई है. बतौर एक्टर सैफ का सफर अपने आप में काबिल ए तारीफ है. अर्जुन कपूर की कद काठी किसी तरह से किसी तांत्रिक की नहीं लगती और अभिनय का ये रंग उनसे अछूता ही रहे तो बेहतर हैं. वो इशकज़ादे या तेवर जैसी फिल्मों में जितने सहज नज़र आते हैं उतने ही इस फिल्म में असहज. यामी गौतम और जैकलीन, दोनों का ही अभिनय से कुछ विशेष लगाव है नहीं, फिल्म में उनकी भूमिका अधपकी है. फिल्म सिर्फ सैफ के दम पर ही देखने लायक बनी है. जैकलिन के मैनेजर के रोल में अमित मिस्त्री हैं जिनकी ये शायद आखिरी फिल्म थी, क्योंकि उनका असमय दिल का दौरा पड़ने से देहावसान हो गया था. जावेद जाफरी ने साथ फिल्म ने न्याय नहीं किया है. उनका रोल या तो और बड़ा होना चाहिए था या उनका रोल होना ही नहीं चाहिए था.
अच्छी बातों में ये है कि इस फिल्म में हिन्दू धर्म का उपहास उड़ाने से साफ तौर पर बचा गया है. जो मंत्र भी पढ़े गए हैं वो काल्पनिक हैं और किसी देवी-देवता का आवाहन नहीं किया गया है. दूसरा, फिल्म के डायलॉग सुमित भटेजा ने लिखे हैं जो कि बड़े ही चुटीले हैं. सैफ की कॉमिक टाइमिंग की वजह से ये डायलॉग हंसा देते हैं. मसलन 2000 के नोट देना, सुना है 500 और 1000 के नोट बैन हो जाते हैं. पूरा गाँव मिल कर गो कोरोना की तर्ज़ पर गो किचकांडीगो मन्त्र का जाप करते हैं. कई जगहों पर अन्धविश्वास को चुनौती देने का काम भी किया है और भाषण बाजी से बचे हैं. फिल्म में मनोरंजन भरपूर है लेकिन फिल्म लम्बी है. थोड़ा धैर्य रखना पड़ता है. सैफ और अर्जुन जिस रीक्रीएशनल वेहिकल में सफर करते हैं वो बड़ी मज़ेदार नज़र आती है, उस गाड़ी को भी फिल्म में एक किरदार के तौर पर दिखाया जा सकता था.
सचिन जिगर का म्यूजिक ठीक ठाक है और आयी आयी भूत पुलिस” वाले गाने में बड़े लम्बे अंतराल के बाद सुनिधि चौहान को सुनना अच्छा लगता है. कुल जमा तीन ही गाने हैं और इससे ज़्यादा की गुंजाईश भी नहीं थी. निर्देशक पवन ने अपने करियर की सबसे पहली स्क्रिप्ट भूत पुलिस ही लिखी थी लेकिन किस्मत देखिये उन्हें पहले रागिनी एमएमएस, डर@द मॉल और फोबिया जैसी हॉरर फिल्मों के बाद भूत पुलिस बनाने का मौका मिला. पहले देवाशीष मखीजा, फिर अनुवब पाल, और अंततः सुमित भटेजा और पूजा लड्ढा सूरती के साथ मिल कर फाइनल स्क्रिप्ट लिखी गयी इसलिए हर लेखक का थोड़ा थोड़ा हिस्सा फिल्म में अभी भी मौजूद है. पूजा लड्ढा सूरती (अंधाधुन, जॉनी गद्दार, रागिनी एमएमएस) एक बेहतरीन एडिटर हैं इसलिए इस फिल्म में रफ़्तार अच्छी है. दर्शन बंधे रहते हैं क्योंकि चुटीले संवाद या कोई और ख़ास हिस्सा मिस न हो जाये. हॉरर फिल्मों जैसे डरावने दृश्य नहीं रखे गए हैं और क्रेडिट दिया जाना चाहिए सिनेमेटोग्राफर जयकृष्ण गुम्मादी को जिन्होंने अपना अधिकांश समय दक्षिण की फिल्में शूट करने में बिताया है.
सैफ का अभिनय और कॉमिक टाइमिंग देखने के लिए, एक अच्छी स्क्रिप्ट के लिए और नए जमाने की हॉरर कॉमेडी देखने के लिए, भूत पुलिस मिस नहीं करनी चाहिए.
डिटेल्ड रेटिंग
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Tags: Arjun kapoor, Bhoot police, Film review, Jacqueline fernandez, Saif ali khan, Yami gautam
FIRST PUBLISHED : September 18, 2021, 13:19 IST